दुनिया कि सबसे ख़तरनाक जनजाति | Mystery of North Sentinel Island | The Last Stone Age Tribe in World
नमस्कार दोस्तों तो आज आपके लिए एक ऐसी जनजाति के बड़े में बताना चाहता हूं जो की हमारे इंडिया में है और पूरे वर्ल्ड में अभी तक एक ही जनजाति है जो उसे तरह की बहुत ही आक्रामक और खतरनाक है इसके बड़े में हम जानते हैं मैं बात कर रहा हूं सेंटिनल आयरलैंड के बड़े में जो की बहुत ही फेमस और इस आयरलैंड पर एक जनजाति पी जाति है जिसको हम सेंटिनेली बोलते हैं तो चलिए समझ लेते हैं की आखिर इस आयरलैंड पर किस प्रकार की जनजाति रहती है जैसे की देखा है दुनिया में तरह-तरह की कई जनजातीय रहती हैं कुछ धीरे-धीरे मॉडर्न होती जा रही हैं तो कुछ आज भी अपनी परंपराओं के हिसाब से रहती हैं हालांकि हर जनजाति आज दुनिया के सामने है और लोगों के बड़े में ज्यादा तक चाहिए जानते हैं लेकिन आप जानते हैं की भारत में कैसी जनजाति है जैसे आज सही से पुरी दुनिया नहीं जान पी है चलिए हम इस जनजाति के बड़े में समझते हैं की आखिर इंडिया में ऐसी कौन सी जनजाति है जो कहां पर पी जाति है तो दोस्तों यह है अंडमान निकोबार दीप समूह के पास में जहां पर केवल 50 किलोमीटर दूर यह जनजाति है और इस जनजाति की खासियत यह है दोस्तों की यह जनजाति आइसोलेटेड है आइसोलेटेड का आप मतलब जानते ही हैं की स्वयं आत्मनिर्भर अपनी खुद ही रहना चाहते हैं सेल्फ वो बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं रखना चाहते इसको हम आइसोलेटेड बोलते हैं अभी आपने कोरोना के टाइम में आइसोलेटेड शब्द सुना होगा तो इस का शब्द ये भी है इस सेंटिनेली लोगों की जीवन किस तरह से चल रहा है चलिए समझ लेते हैं दोस्तों तो दोस्तों इस आयरलैंड पर यह करती क्या है और खाती क्या है और दुनिया से क्यों संपर्क नहीं रखना चाहते चलिए समझते हैं तो सबसे पहले दीप के सर्वेक्षणों से पता चला है की यहां कृषि करने का कोई प्रमाण नहीं है यहां पर किसी प्रकार की खेती नहीं होती है इसके साथ ही अब तक के रिसर्च से यह मालूम चला है यह समुदाय समूह में शिकार करता है यह लोग मछली पकड़ कर भजन हासिल करते हैं और दीप पर रहने वाले जंगली पौधों को इकट्ठा करके उनसे अपना पेट भारते हैं
भारत सरकार विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के रूप में सूचीबद्ध किया है और सेंटी ले ली लोगों को बचाने के लिए ऐसा नहीं किया भारत सरकार ने बहुत प्रयास किया है और इस आयरलैंड पर अभी तक ज्यादातर जो लोग गए हुए हैं वह अपनी जान से हाथ धोकर ही आए हैं मतलब ए ही नहीं है खाने का मतलब ये है इस सेंटिनल लोगों की जनजाति के अंडमान निकोबार दीप समूह की ग्रेट अंडमानिन लो योग जारवा और चैंपियन के रूप में सूचीबद्ध अचार जनजातीय में से एक के बराबर दर्ज दिया गया है दरअसल इन जनजातीय को अंडमान और निकोबार दीप समूह आदिवासी जनजाति का संरक्षण अधिनियम 1956 द्वारा संरक्षण दिया गया है जो की भारत सरकार द्वारा दिया गया और साथ ही साथ यहां पर नेवी लगे गई है आयरलैंड के चारों तरफ जिससे की बाहरी लोग आयरलैंड पर नहीं ए सके चलिए कुछ इतिहास देख लेते हैं की आखिर भारत सरकार ने आयरलैंड पर जान की कोशिश कब-कब की तो दोस्तों बहुत समय की बात है 1990 के आसपास अगर हम बात करें 80 30 साल पहले तो एक टीम गई थी भारत की जो की दूर से ही नारियल देकर आई थी इन्होंने नारियल को बहुत पसंद है इन्होंने दूर से ही कुछ फोटो वगैरा है आपको दिखा रहा है जहां चाहता हूं तो नारियल लिए और शुक्र है कुछ जानवान की हरनी नहीं हुई थी उसे समय और ये पहले ऐसे लोग हैं जो की जिंदाबाद वापस आए उसके बाद बहुत सी घटनाएं घाटी एक समुद्री जहाज भी उसे फंसा था बहुत पहले और उसके बाद उन लोगों ने उसे जहाज जो फंसा था उन लोगों को मुश्किल से भारत सरकार बच्चा पी और अगर हम बात करें जैसे की मां लो सुनामी आई थी तो सुनामी में भी उनको देखा गया की भारत सरकार ने बहुत से हवाई जहाज वहां पर भेजें उनकी जान बचाने के लिए लेकिन उन्होंने तीर कमान चला कर हवाई जहाज को वापस भेज दिया और भारत सरकार ने हाथ जोड़ लिए की आप आइसोलेटेड ही रहो अपनी जिंदगी से खुश रहो और अब बात करें अभी लेटेस्ट न्यूज़ जो आई है 2018
मिशनरी है जो की क्रिश्चियन धर्म का प्रचारक था उसने सोचा क्यों ना हम अपनी धर्म का प्रचार पूरे दुनिया में तो कर चुका हूं क्यों ना मैं सेंट्रल लोगों के लिए भी तो उसने क्या किया की वो बिना परमिशन से मछुआरे को रिश्वत देकर वो पहुंच गया तो उन्होंने तीर चला दिए तीर चलने के बाद वो किस्मत से बैक गया क्योंकि उसकी बाइबल पर तिल लगा था उसके बाद फिर उसने दोबारा कोशिश की और वह मा गया तो इस तरीके से लोग लोगों को वह जनजाति मार रही है लेकिन अब इस जनजाति की विशेषताएं समझ लेते हैं की यह जनता की जनजाति क्या कर रही है तो स्ट्राइक की खांसी यह है दोस्तों की यह अपनी आयरलैंड पर खुश 60 स्क्वायर किलोमीटर इनके एरिया है जी पर ये र रहे हैं और ज्यादा बड़ा क्षेत्र नहीं है बहुत ही छोटा सा क्षेत्र है साथ ही साथ इनके क्षेत्र में बहुत ही गाने पेड़ लगे हुए हैं अभी तक इनको दूर से ही देखा गया है किसी ने भी पास में जाकर नहीं देखा है और अगर हम बात करें इनकी कुछ विशेषताओं के बड़े में चलिए समझ लेते हैं की इनकी विशेषताएं क्या-क्या हैं इनकी विशेषताएं यह है दोस्तों की यह लोग सेल्फ खुद रहना पसंद करते हैं यह बाहरी दुनिया से आज तक उन्होंने संपर्क नहीं किया जो लोग इसे संपर्क करने आए उनको उन्होंने मार दिया इस टाइम और साथ ही साथ यह खाना खाने के लिए मछलियों पर निर्भर है 139 को आता नहीं है समुद्र में इसलिए किनारे पर से ही छोटी-छोटी मछलियां पकड़ लेते हैं साथ ही साथ यह फल वगैरा खाता हैं खेती करना इनको नहीं आता है आज जालना भी नहीं आता है दोस्तों और कपड़े तो पहना ही नहीं है यह जनजाति बिल्कुल भी तो यह आज अगर इनके पास होती है जैसे बिजली चमकते हुई आज ये खट्टी करके रखते हैं और सालों साल इस से आज जलते रहते हैं हालांकि इन्होंने खुद आज जालना आज तक नहीं शिखा इसके अलावा अगर हम बात करें इनकी बीमारियों के बड़े में तो इनका इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ही कम है इनके शरीर का इतना कम है की अगर अपना एक जुखाम जो हमें ए जाता है सर्दी जुकाम अगर इनको नॉर्मल से जुखाम भी या सर्दी ग जाति है तो इनकी डेथ हो जाति है क्यों क्योंकि इन्होंने बहुत सालों से दुनिया से संपर्क में नहीं रहे हैं जी वजह से इनकी इनका शरीर की इम्यूनिटी डेवलप नहीं हो पी है तो इस तरीके से दोस्तों यह आयरलैंड के लोग रहे हैं र रहे हैं भारत सरकार चाहती है सेल पर हैं भारत सरकार ने कानून बना दिया है की भैया उसे आयरलैंड पर कोई ना जाए और जो जाएगा तो किसी की भी जिम्मेदारी नहीं रहेगी वो अपनी जिम्मेदारी से ही जाएगा और इलीगल तोर पर ही जा सकता है वीडियो कैसा लगा दोस्तों मिलते हैं किसी नेक्स्ट वीडियो में अच्छा लगा हो तो नीचे सब्सक्राइब का बटन है बेल आईकॉन ढाबा देना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेर करना जिससे की और लोगों को भी जानकारी मिल सके थैंक्स पर वाचिंग दोस्तों बाय
Comments
Post a Comment